उपासना सार्थक अवधारण है

उपासना सार्थक अवधारण है
मोहम्मद सलल्लाहु अलैही व सल्लम ने फरमाया जब खियामत खडी हो जाय और तुम में से किसी एक के हाथ में शाख हो तो उसको चाहिये कि उसे गाड दें, सहाबा ने कहा ऐ अल्लाह के रसूल (स) हम में से कोई (बीवी से) अपनी हवस पूरी करें तो क्या उसको इसका भी पुण्य मिलेगा अल्लाह के रसूल ने कहा आपका क्या खयाल है कि अगर वह हराम में अपनी हवस पूरी करता तो क्या उसे इसका गुणा नही मिलता इसी प्रकार से अगर वह हलाल में अपनी हवस पूरी करता है तो उसको इसका पुण्य मिलता हैं (उपन्यासः इमाम मुस्लिम)


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