आरोप

आरोप
भेद-भाव रखने वालों का यह अनुमान है कि मुहम्मद केवल शासन, उच्च स्थान और व्यक्त की इच्छा रखते थे। कदापी, इशवर की ख़सम, जंगलों और खंडरात में रहने वाले इस महान पुर्ष के दिल में सर्वश्रेष्ट आत्मा है। जो दयालुता, प्रेम, भलाई और तत्वदर्शता से भरी हुई है। यह सारे विचार संसारिक लालच के अतिरिक्त है, और ऐसी भावनायें हैं जो शासन और उच्च स्थान कि इच्छा के विपरीत है। क्यों नही, वह एक पवित्र आत्मा है और उस समोह का एख व्यक्ति है, जिसका प्रेरणा और लगातार कोशीशों से ख़ाली होना संभव नही है।


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